भोपाल साइबर क्राइम शाखा ने SIR को लेकर अलर्ट किया है. साइबर क्राइम ने एडवाइजरी जारी करते हुए SIR फॉर्म के नाम पर ठगी करनेवाले साइबर अपराधियों से सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है. अपराधी संपर्क कर रहे हैं कि वे मतदाता सूची के SIR(Special Intensive Revision)के लिए फॉर्म वेरिफिकेशन करवा रहे हैं. फिर मोबाइल पर ओटीपी भेजकर ऑनलाइन ठगी करते हैं.
ऐप डाउनलोड करवाकर करते हैं ठगी
रिपोर्ट के मुताबिक, ठग कॉल या व्हाट्सएप मैसेज के जरिए लोगों संपर्क करते हैं. ठग बताते हैं कि उनके मोबाइल नंबर पर OTP भेजा गया है ताकि SIR फॉर्म वेरिफाई किया जा सके. इसके बाद ठग एक संदिग्ध एप्लिकेशन डाउनलोड करने को कहते हैं, जैसे कि “SIR.apk” फाइल. यह APK मालवेयर हो सकता है, जो डाउनलोड होते ही फोन में इंस्टॉल हो जाता है और यूजर की संवेदनशील जानकारी, जैसे कॉन्टैक्ट्स, फोटो, मैसेज, बैंकिंग ऐप्स चुरा सकता है.
‘किसी के भी साथ OTP साझा ना करें’
भोपाल साइबर क्राइम ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि अपना ओटीपी किसी से भी साझा ना करें. चाहें कोई व्यक्ति खुद को सरकारी अधिकारी या चुनाव आयोग का कर्मचारी ही क्यों ना बताए. कोई भी सरकारी संस्था कभी भी कॉल/व्हाट्सऐप/SMS के जरिए APK फाइल डाउनलोड करने के लिए नहीं कहती है. संदिग्ध कॉल आने पर पुलिस तुरंत रिपोर्ट करने की सलाह दी गई है.
सतर्कता ही बचाव है
भोपाल पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस स्कैम के बारे में अपने परिवार और दोस्तों को भी बताएं. धोखेबाज़ों द्वारा भेजे गए लिंक, कॉल्स या APK फाइल्स को इग्नोर करने की सलाह दी है. पुलिस का कहना है कि सतर्कता और जानकारी ही ठगी से बचने की सबसे बड़ी सुरक्षा है.